HighLights
एससीओ बैठक में आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर रहेगा भारत का जोर
चीन के किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे राजनाथ सिंह
एससीओ देशों के बीच व्यापार, आर्थिक सहयोग, संपर्क को बढावा देने पर बल
वैश्विक शांति व सुरक्षा पर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे भारत के रक्षा मंत्री
चीन, रूस सहित कुछ भागीदार देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता
पीटीआई, नई दिल्ली। चीन के किंगदाओ शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक बुधवार (25 जून) से शुरू हो रही है। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एक उच्च-स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
पाकिस्तान को दिखाया जाएगा आईना
बैठक में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच सहयोग सहित कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के कूटनीतिक प्रहार के अनुरूप राजनाथ आतंकवाद से निपटने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर देंगे।
अजीत डोभाल पहले ही चीन दौरे पर
मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य संघर्ष के बाद द्विपक्षीय संबंधों में गंभीर तनाव आने के बाद किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की यह पहली चीन यात्रा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी एससीओ के शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन का दौरा कर रहे हैं।
बहरहाल, इस बैठक में रक्षा मंत्री एससीओ के सिद्धांतों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को व्यक्त करने, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करने, क्षेत्र में आतंकवाद एवं उग्रवाद को खत्म करने के लिए संयुक्त प्रयासों का आह्वान करने के साथ ही एससीओ में शामिल देशों के अंदर और अधिक व्यापार, आर्थिक सहयोग एवं संपर्क की आवश्यकता पर बल देंगे।
रक्षा मंत्री अन्य देशों के समकक्षों से करेंगे मुलाकात
वह चीन और रूस सहित कुछ भागीदार देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। गौरतलब है कि भारत इस क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक सुरक्षा और लोगों के बीच आपसी संपर्क को बढ़ावा देने में एससीओ को विशेष महत्व देता है।
एससीओ सम्प्रभुता, राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने, आपसी सम्मान, समझ और सभी सदस्य देशों की समानता के सिद्धांतों के आधार पर अपनी नीति का पालन करता है। वर्ष 2001 में गठित एससीओ, एक अंतर-सरकारी संगठन है। वर्ष 2017 में भारत इसका पूर्ण सदस्य बना और वर्ष 2023 में इसकी अध्यक्षता संभाली।
